इंग्लैंड आकर बन गई मैं टैक्सी

लेखिका : रूही सिंह

सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को रूही की तरफ से प्रणाम !

मैं एक पंजाबन लड़की हूँ और इंग्लैंड में एक साल का स्टडी और साथ दो साल के वर्क परमिट वीसा पर इंग्लैंड आई थी। दो साल के बाद मैंने अपना वीसा एक्सटेंड करवा लिया था। कुल मिला कर तीन साल से इंग्लैंड में हूँ। पहले तो सपने में भी इन्टरनेट पर बैठने की नहीं सोची, यहाँ किसी के पास फालतू समय नहीं, मैं भारत में बहुत इन्टरनेट सर्फिंग करती थी, इसके ज़रिये दो यार बना लिए थे और फिर उनके साथ खूब मस्ती की। वैसे भी कॉलेज में मेरे कई लड़कों से चक्कर थे और मैं एक चालू और जुगाड़ टाइप की लड़की कहलाती थी। लड़कों के साथ पकड़े जाने पर मैं दो बार कॉलेज से सस्पेंड हुई थी- एक बार तो केमिस्ट्री लेब में और दूसरी बार क्लास रूम में आधी छुट्टी टाइम !

मुझे और उन दोनों लड़कों की भी निकाल दिया। उसके बाद मैंने प्राइवेट स्कूल जगन ज्योति पब्लिक स्कूल से मैं हीला वसीला करके पास हुई। मैं बोर्ड की क्लास में थी कामर्स ग्रुप में।

सुपरिटेंडेन्ट लग कर आये सर को अपने हुस्न के जाल में फंसाया। वैसे तो बहुत नक़ल चल रही थी लेकिन सर मुझे अलग बिठा देते और बुक्स, नोट्स दे देते ! पेपर के बाद मुझे सर ही घर छोड़ते थे। पहला पेपर ख़त्म हुआ, उन्होंने कह दिया था कि मेरे साथ चलना ! मैं ही घर छोड़ दूंगा।

मैंने घर में कहा कि पेपर के बाद अगले पेपर की तैयारी के लिए मुझे ट्यूशन पढ़नी पड़ रही है।

किसी ने कुछ नहीं कहा। उसने कार में ही छेड़छाड़ शुरू कर दी। पूरे रास्ते में उसका हाथ में पकड़ सहलाती आई और वो भी बीच बीच में मेरे मम्मे दबाते आये।

मेरे पास समय कम था, मैं उनके घर जाते ही उनसे लिपट गई और वो मुझे बेडरूम में ले गए। जाते ही मैंने अपनी शर्ट उतार दी और फिर स्कर्ट भी उतार दी। मुझे नंगी देख उसका लौड़ा कच्छे को फाड़ने को आ रहा था तो मैंने एक पल में उतार दिया। उनका लौड़ा इतना भयंकर होगा, सोचा नहीं था।

मैं वहीं पाँव के बल बैठ गई और मुहं में ले लिया।

और फिर उन्होंने मुझे एक घंटे में दो बार चोदा। इस तरह मैंने बारहवीं के पेपर दिए और मेरे ७५% नंबर आये।

मेरी एक बहन शादी के बाद अपने पति के साथ बंगलौर चली गई और वो हमें उनके घर की साफ़ सफाई के लिए चाभी दे गई। एक दिन मैंने घर से चोरी छिपे चाभी उठाई और अपने बॉयफ्रेंड को वहीं बुला लिया।

अभी हम पहला राउंड लगा कर साँसे ले रहे थे कि कोई आ गया, झट से कपड़े पहने, दरवाज़ा खोला तो देखा- माँ थीं ! ज़बरदस्त थप्पड़ लगा ! यह तेरा स्कूल है हरामजादी?

उस मुहल्ले में भी मेरी बदनामी देख मेरी इंग्लैंड की फाइल लगा दी गई और कर-करवा कर एक यूनीवर्सिटी में दाखिल करवाया। दो साल का वर्क परमिट मिला और उड़ कर चली गई इंगलैंड।

अपने सारे आशिकों के बारे सोच-सोच मेरा मन सा भर आता ! वहाँ मेरा कोई रिश्तेदार नहीं था। यूनीवर्सिटी में क्लास ज्वाइन कर ली और हॉस्टल में रहने लगी।

एक-दो महीनों में वहां मेरा एक भारतीय लड़के से चक्कर शुरु हो गया।

उसने मुझे कहा- हॉस्टल छोड़ दे और मेरे साथ रेंट पर रह ले ! अपने हिस्से के पैसे देती रहना ! हॉस्टल से कम खर्चा है और साथ में बहुत बढ़िया काम पार्ट-टाइम मिलेगा !

वो जहाँ रहता था उसमें तीन कमरे थे रसोई, आलीशान बाथरूम, वूडन फ्लोर्स, दो कमरों में छः लड़के रहते थे और एक में तीन लड़कियाँ ! एक भारतीय, एक पाकिस्तानी और एक नाइजीरियन।

कमरे बहुत खुले थे। मैंने सोच-विचार करके हॉस्टल छोड़ दिया और मैंने रवि से कहा- आज कॉलेज बंक करके मेरा सामान मेरे साथ शिफ्ट तो करवा दे !

उसने मेरी मदद की, सभी कॉलेज गए हुए थे, हम दोनों अकेले थे, उसको अकेला देख मेरी प्यास जाग उठी। दो महीने से ज्यादा मुझे लौड़ा लिए हो चुके थे।

उसने मुझे हल्के से चूमा और बोला- आई लव यूं रूही !

मैं उठी और उसके सामने खड़ी होकर उसके होंठ चूसने लगी और बोली- आई लव यू…

पूरी कहानी यहाँ है !